March 15, 2025

प्रधानमंत्री के नशा मुक्ति के अभियान को जिले में संचालित नशा मुक्ति केंद्र दें रहा गति, अब तक 60 नशे के लती लोगों को मिला नया जीवन

 प्रधानमंत्री के नशा मुक्ति के अभियान को जिले में संचालित नशा मुक्ति केंद्र दें रहा गति, अब तक 60 नशे के लती लोगों को मिला नया जीवन

महोबा उत्तर प्रदेश:(संवाददाता इसराईल कुरैशी)– महोबा में नशे की लत से परेशान शहरी और ग्रामीण लोगों के लिए संचालित जिला नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र में लोगों को नई जिंदगी मिल रही है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से संचालित उक्त केंद्र में अब तक नशे के लती 60 लोगों को लाभ मिल चुका है। बुंदेलखंड के लिए अभिशाप बने नशे से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नशा मुक्त अभियान को महोबा में जिला नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र गति दे रहा है ।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नशा मुक्ति को लेकर गंभीरता दिखा रहे हैं। उनके इस अभियान को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा बढ़ाते हुए जिला स्तर पर नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए गए हैं। महोबा में संचालित जिला नशा मुक्ति केंद्र नशे के लती व्यक्तियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आपको बता दें कि नशीले पदार्थों का सेवन खासकर बुंदेलखंड क्षेत्र में शराब और गांजा के नशे की समस्या बढ़ती जा रही है। विशेष तौर पर युवा वर्ग इसकी चपेट में है। यह नशा हमारी युवा पीढ़ी ही नहीं बल्कि पूरे देश को कमजोर कर रहा है। जिस पर केंद्र और प्रदेश की सरकार अभियान चलाकर राष्ट्र की मुख्यधारा से आमजन को जोड़ने के लिए नशे से दूर करने की कोशिश में जुटी है। महोबा की बात करें तो यहां पर शहर के फतेहपुर बजरिया इलाके में जिला नशा मुक्ति सह पुनर्वास केंद्र संचालित है। जहां पर 4 वार्ड बनाकर नशे के आदी व्यक्तियों का इलाज किया जाता है। इस इलाज में उनकी दिनचर्या, खानपान और दवा के साथ साथ निमित्त योगा आदि शामिल है। केंद्र में तैनात डॉक्टर तनवीर बताते हैं कि केंद्र में शराब, गांजा सहित अन्य मादक पदार्थों के लती व्यक्ति इलाज के लिए आ रहे हैं। नशे का लती व्यक्ति स्वेच्छा या उनके परिवार के लोग उन्हें लेकर आते है। तो वही केंद्र में तैनात 15 लोगों का स्टाफ जन जागरूकता कर लोगों को नशा मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का काम क्र रहा है। 2 साल से संचालित इस केंद्र में अब तक 60 ऐसे लोग हैं जो नशा छोड़ चुके हैं। ये 60 लोग शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हैं। जिन्हें 3 माह के इलाज के दौरान उनकी काउंसलिंग क्र नशे के प्रकार और मात्रा सहित परिवार ही हिस्ट्री जानकर आगे का इलाज किया जाता है। केंद्र में मरीजों को भर्ती कर उनके इलाज के साथ तय दिनचर्या और नियमित खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। मरीज के गिरते स्वास्थय को बेहतर बनाने के लिए निर्धारित भोजन व मौसमी फल भी मरीजों लप दिए जाते है। बनाए गए केंद्र में मरीजों को भर्ती करने के लिए 6 वार्ड के साथ-साथ काउंसलिंग कक्ष, नर्स कक्ष, प्रॉजेक्ट मैनेजर कक्ष, चिकित्सक कक्ष, परामर्श केंद्र, औषधि भंडार सहित मरीजों को इलाज के दौरान मनोरंजन के लिए भी एक कक्ष बनाया गया है। यही नहीं भर्ती मरीजों पर 24 घंटे नजर रखने के लिए पुरे केंद्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। संचालित केंद्र में मरीज के स्वास्थय का ध्यान रखते हुए केंद्र में ही एक किचिन भी मौजूद है जिसमे मरीज की डायट के हिसाब से भोजन बनाकर दिया जाता है। भर्ती मरीजों की दिनचर्या में सुबह उठने से लेकर ईश्वर की आराधना सहित टहलना, मनोरंजन व योगा भी कराया जाता है। बताया जाता है कि ठीक हो चुके मरीजों के परिवार से भी लगातार संपर्क कर वर्तमान स्थिति जानने का काम भी केंद्र में तैनात स्टाफ द्वारा की जाती है। 3 माह के कोर्स में पूरी तरीके से नशा मुक्त बनाने की कोशिश की जा रही है और अब तक 60 मरीजों को इसका लाभ मिल चुका है।

केंद्र के प्रोजेक्ट मैनेजर मधुकर सिंह बताते हैं कि यहां आने वाले मरीजों के इलाज से लेकर उनकी हर व्यवस्था की जाती है तो वही जो मरीज अधिक नशे के आदी और चलने में कमजोर हो जाते है उन्हें केंद्र द्वारा संचालित एंबुलेंस से भी लाने का काम किया जाता है और आगे प्रचार प्रसार और केम्प के माध्यम से नशा मुक्ति को लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा।

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