June 23, 2025

सुहाग की सलामती के लिए महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा

 सुहाग की सलामती के लिए महिलाओं ने की वट वृक्ष की पूजा

मैगलगंज खीरी।(मेराज सलमानी )पति की दीर्घायु को लेकर सोमवार को वट सावित्री का पर्व सुहागिन महिलाओं ने उत्साह और उमंग के साथ मनाया। बरगद के पेड़ में मौली धागा लपेटकर विधि विधान से पूजा-अर्चना कर पति की दीर्घायु की कामना की।शहर से लेकर गांव तक वट सावित्री का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया। पति की दीर्घायु को लेकर मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह देखा गया।

घरों के आसपास स्थित बरगद पेड़ के पास महिलाएं समूह में एकत्रित हुई।इसके बाद विधि-विधान से प्रसाद के रूप में थाली में गुड़, भीगे हुए चने, आटे से बनी हुई मिठाई, कुमकुम, रोली, मोली, पांच प्रकार के फल, पान का पत्ता, धुप, घी का दीया, एक लोटे में जल और एक हाथ का पंखा लेकर बरगद पेड़ के नीचे पूजा प्रारंभ हुई।पेड़ की जड़ में पानी चढ़ाया गया।

प्रसाद चढ़ाकर और धूप तथा दीप जलाकर व अंत में बरगद के पेड़ के चारों ओर मौली धागा लपेटकर पूजा-अर्चना संपन्न की गई। अंत में प्रसाद का वितरण किया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे मैगलगंज नवीन गल्ला मंडी के पास पूजा कर रही महिलाओं ने बताया कि वे सभी वर्षों से यह पर्व मनाती आ रही हैं।मालूम हो कि वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए की जाती है पूजा।पंडित उत्सव शुक्ल शास्त्री ने बताया कि इस दिन सुहागन स्त्रियां अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन शनिदेव का जन्म हुआ था, इसलिए महिलाएं इस दिन वट और पीपल की पूजा कर शनिदेव को प्रसन्न करतीं हैं।

वट सावित्री व्रत करने के पीछे एक कथा भी है।कहा जाता है कि नवविवाहिता सावित्री के पति सत्यवान के प्राण हरकर जब यमराज जाने लगे तो अपने पति सत्यवान का जीवन वापस पाने के लिए वो यमराज के पीछे पड़ गई और तब तक लगी रही जब तक कि यमराज ने उसके पति सत्यवान की जान उसके हाथों में सौंप दी।

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