June 23, 2025

तंबाकू उत्पादों के सेवन का कुछ सेकंड का मजा, जीवन भर की बन जाता है सजा

 तंबाकू उत्पादों के सेवन का कुछ सेकंड का मजा, जीवन भर की बन जाता है सजा

लखीमपुर खीरी : (नूरुद्दीन) नशा भले ही शान और लत के लिए किया जाता हो, पर यह जिंदगी की बेवक्त आने वाली शाम का भी मुख्य कारण है, जो कब जीवन में अंधेरा कर जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। आप इसका मजा भले ही दिनभर के कुछ सेकंड के लिए लेते हैं, लेकिन यह मजा, कब आपके लिए जिंदगी भर की सजा बन जाए, आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते।

जिला चिकित्सालय, एमसीएच विंग, ओयल मोतीपुर में जिला मानसिक विभाग में कार्यरत साइकियाट्रिक सोशल वर्कर अतुल कुमार पाण्डेय द्वारा बताया गया कि पिछले कुछ सालों में भारत के साथ ही पूरे विश्व में धूम्रपान करने और उससे पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। इस गंभीर लत ने कई लोग मौत का ग्रास तक बन गए हैं।

तंबाकू और धूम्रपान के दुष्परिणामों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने इसके लिए एक प्रस्ताव रखा, जिसके बाद हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, तभी से 31 मई को प्रतिवर्ष विश्व धूम्रपान निषेध दिवस के रूप में इसे मनाया जाता है।

तंबाकू से जुड़े कुछ तथ्य –

1- विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया के करीब 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है।

2- दुनियाभर में हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं।

3- रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 80 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं, लेकिन कुछ देशों में महिलाओं में धूम्रपान करने की आदत काफी बढ़ी है।

4- दुनियाभर में धूम्रपान करने वालों का करीब 10 फीसदी भारत में है, रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 25 हजार लोग गुटखा, बीडी, सिगरेट, हुक्का आदि के जरिये तंबाकू का सेवन करते हैं।

5- भारत में 10 अरब सिगरेट और 72 करोड़ 50 लाख किलो तंबाकू का उत्पादन होता है।

6- भारत तंबाकू निर्यात के मामले में ब्राजील, चीन, अमेरिका, मलावी और इटली के बाद छठे नंबर पर है।

7- विकासशील देशों में हर साल 8 हजार बच्चों की मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है।

8- दुनिया के किसी अन्य देश के मुक़ाबले में भारत में तंबाकू से होने वाली बीमारियों से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।

9- किसी भी प्रकार का धूम्रपान 90 प्रतिशत से अधिक फेफड़े के कैंसर, ब्रेन हेमरेज और पक्षाघात का प्रमुख कारण है।

10- सिगरेट व तंबाकू – मुंह , मेरूदंड, कंठ और मूत्राशय के कैंसर के रूप में प्रभावी होता है ।

11- सिगरेट व तंबाकू में मौजूद कैंसरजन्य पदार्थ शरीर की कोशिकाओं के विकास को रोककर उनके नष्ट होने और कैंसर के बनने में मदद करता है।

12- लंबे समय तक धूम्रपान करने से मुंह, गर्भाशय, गुर्दे और पाचक ग्रंथि में कैंसर होने की अत्यधिक संभावना होती है।

13- धूम्रपान का सेवन और न चाहते हुए भी उसके धुंए का सामना, हृदय और मस्तिष्क की बीमारियों का मुख्य कारण है।

14- धूम्रपान के धूएं में मौजूद निकोटीन, कार्बन मोनो आक्साइड जैसे पदार्थ हृदय, ग्रंथियों और धमनियों से संबंधित रोगों के कारण हैं।

भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर पाबंदी है, इसके बावजूद लचर कानून व्यवस्था के चलते इस पर अमल नहीं हो पाता। भारत में आर्थिक मामलों की संसदीय समिति पहले ही राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मंज़ूरी दे चुकी है। इसका मक़सद तंबाकू नियंत्रण कानून के प्रभावी क्रियान्वयन और तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों तक जागरूकता फैलाना है।


जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के साइकियाट्रिक सोशल वर्कर अतुल कुमार पाण्डेय, काउन्सलर देव नन्दन श्रीवास्तव एवं एएचटीयू टीम पुलिस विभाग द्वारा माह अप्रैल 2022 से लगातार चिकित्सालय, धर्म स्थलों, एवं शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर की परिधि में एक युद्ध नशे के विरुद्ध के अन्तर्गत तम्बाकू उत्पाद बेंचने वाले समस्त दुकानदारों का चेतावनी देकर समझाया जा रहा है उसके उपरांत बिक्री करने पर कोटपा अधिनियम के अन्तर्गत चालान किया जा रहा है। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत मनोचिकित्सक डॉ. अखिलेश शुक्ला, साइकियाट्रिक नर्स विवेक मित्तल द्वारा नशा उन्मूलन का इलाज जिला चिकित्सालय, खीरी में किया जा रहा है।

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