विधायक चंदन चौहान ने मोरना मिल की पैराई क्षमता बढाने का मामला उठाया

मुज़फ्फरनगर:-उत्तर प्रदेश में विधानसभा का पहला ग्रीष्मकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने जनपद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से गठबंधन के विधायक चंदन चौहान को राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता प्रतिपक्ष के द्वारा दिए गए संशोधनों पर बोलने के लिए समय दिया। इस दौरान मीरांपुर विधायक चंदन चौहान ने राज्यपाल के अभिभाषण की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के विद्वान अधिकारियों ने जो लिख कर दिया होगा, यह अभिभाषण उसी के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आता है।
उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसदीय प्रणाली सबसे अच्छी प्रणाली है और इस प्रणाली में विधायकों की भूमिका का पूर्ण उपयोग होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में लगभग 503 सदस्य हैं। चंदन चौहान ने योगी सरकार की योजनाओं की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश में सभी के लिए एक ही योजना बनाई जाती है। उन्होंने 2 जनपदों का उदाहरण देते हुए कहा कि क्योंकि जरूरी नहीं है कि जो समस्या जनपद सहारनपुर की है, वही समस्या जनपद बलिया की भी हो, इस पर चिंतन मनन करने की जरूरत है, इसीलिए उन्होंने संसदीय प्रणाली में विधायकों की भूमिका का उपयोग करने की बात कही, क्योंकि अपने क्षेत्र की समस्या वही व्यक्ति समझ सकता है जो कि अपने क्षेत्र का विधायक होता है।
उन्होंने कहा कि योजनाओं को बनाते समय क्षेत्रीय विधायकों की सलाह लेनी चाहिए। सरकार द्वारा बनाई गई योजनाएं तभी जन-जन तक पहुंच सकेगी। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक लोकतंत्र के मंदिर की महत्वतता तभी तक है, जब हम अपने नागरिकों को खुशहाल व उनके जीवन को सुगम बना सकें। उन्होंने कहा कि मैं किसी उद्योग व्यापार या आर्थिक गतिविधि के खिलाफ नहीं हूं। उन्होंने कहा कि वह खुद एक सामान्य किसान परिवार से आते हैं। चंदन चौहान ने कहा कि यहां की खेती और किसान देश की आर्थिक रीढ़ की हड्डी है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के 43 पन्नों के अभिभाषण में किसानों को साढ़े चार पन्नों में समेटना यह न्याय संगत नहीं है। उन्होंने किसानों की समस्याओं को उठाते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को समाधान करने की आवश्यकता है ना कि उन्हें जटिल बनाने की। उन्होंने अपना एक उदाहरण देते हुए कहा कि वह खुद एक सामान्य किसान परिवार से आते हैं और उनके यहां गन्ने की फसल होती है, जिसके लिए यूरिया की अति आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि उनके यहां किसानी का जो काम देखता है, उसका कल फोन आया कि भैया यूरिया के लिए अंगूठा लगाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था बिल्कुल भी दुरुस्त नहीं है, इसमे बदलाव किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की जटिल प्रक्रियाओं को सुलभ बनाने की आवश्यकता है। मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से गठबंधन विधायक चंदन चौहान ने विधानसभा में मोरना की द गंगा किसान सहकारी शुगर मिल की क्षमता बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह द गंगा किसान सहकारी शुगर मिल लगभग 40 वर्ष पुरानी है और सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में मोरना शुगर मिल की विस्तारीकरण की घोषणा की थी, जो अब मात्र 25 हजार क्विंटल की रह गई है।
उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार इस का विस्तारीकरण करते हुए उसकी क्षमता 75 हजार क्विंटल करेंगी, जिससे हमारे सह उद्योगों एथेनॉल प्लांट सोलर एनर्जी के लिए कोई की एनर्जी का उपयोग कर सके। राज्यपाल के अभिभाषण पर नेता प्रतिपक्ष के संशोधनों पर बोलते हुए जनपद की और किसानों की समस्याओं को विधानसभा में मजबूती के साथ रखा। चन्दन चौहान ने अतिक्रमण अभियान में पथ विक्रेताओं के साथ अन्याय का मुद्दा भी विधानसभा में प्रमुखता से उठाया। मीरापुर विधायक चंदन चौहान के भाषण के दौरान विधानसभा में कई बार तालियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी।