स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर को गई बैठक

रामपुर/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता आफाक अहमद खान)–जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार माँदड़ ने विकास भवन सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान जनपद में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं डॉक्टरों के साथ बैठक की।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा से स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्राप्त हो रही लगातार शिकायतों के संबंध में सख्त रवैया अपनाते हुए जिलाधिकारी ने वहां तैनात स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को तत्काल हटाते हुए दूसरे स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एस पी सिंह को निर्देशित किया।
इसके साथ ही 2019 से जिला चिकित्सालय में सम्बद्ध डॉ डीके वर्मा को भी टांडा वापस भेजने के लिए निर्देश दिए।
जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत सुरक्षित प्रसव को लेकर चलाई जा रही सेवा के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिलक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहबाद में तैनात चार डॉक्टरों की खराब प्रगति सामने आने पर उन्होंने स्पष्टीकरण जारी करने के लिए निर्देशित किया तथा कहा कि सुरक्षित प्रसव को लेकर जो भी मानक हैं उनका गंभीरता पूर्वक पालन किया जाए तथा डॉक्टरों द्वारा जन स्वास्थ्य को लेकर किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाए।
जनपद में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रतिदिन होने वाली ओपीडी से जुड़ी रिपोर्ट भी जिलाधिकारी ने अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए तथा कहा कि वर्तमान में ठंड के दृष्टिगत स्वास्थ्य को लेकर जो भी समस्याएं उत्पन्न होती हैं उन से जनजीवन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर सभी जरूरी जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध रहनी चाहिए ताकि लोगों को स्वास्थ्य उपचार प्रदान करने के दौरान कोई समस्या न उत्पन्न हो।
जननी सुरक्षा योजना को लेकर जिलाधिकारी द्वारा समीक्षा के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्वार के अंतर्गत एक आशा द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटल में गर्भवती महिला को डिलीवरी कराने हेतु प्रोत्साहित करने के मामले पर जिलाधिकारी ने सख्त रवैया अपनाते हुए तत्काल प्रभाव से उस आशा की सेवाएं समाप्त करने के लिए निर्देशित किया साथ ही कहा कि जिले में जहां भी आशाओं के पद रिक्त हैं वहां नियमानुसार आशाएं तैनात कर दी जाए और लापरवाह आशाओं को तत्काल प्रभाव से सेवाएं समाप्त करके नई आशाओं को सेवा का अवसर प्रदान करें।
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जनपद में लाभ प्राप्त कर चुके मरीजों की स्थिति की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित हॉस्पिटलों को भुगतान करने के बारे में पूछा जिस पर संबंधित नोडल अधिकारी ने बताया कि भुगतान की प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूर्ण कर ली जाती है। जिलाधिकारी ने कहा कि लाभार्थियों को लाभ प्राप्त होने की स्थिति और उनके उपचार की गुणवत्ता के बारे में जनपद स्तर पर एक कमेटी द्वारा सत्यापन कराया जाएगा, जिसमें आयुष्मान भारत के अंतर्गत मरीजों के उपचार के बदले हॉस्पिटलों को किए गए भुगतान और मरीजों के उपचार की स्थिति का रैंडम मिलान कराया जाएगा ताकि सरकार की इस योजना को निर्बाध रूप से प्रभावी बनाया जा सके।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत तैनात टीम की भी प्रत्येक माह मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित हो रही योजनाओं को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी।
मुख्य विकास अधिकारी नंदकिशोर कलाल ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों पर औचक निरीक्षण के दौरान वहां सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त मिले इसके लिए यह जरूरी है कि नोडल अधिकारी लगातार भ्रमणशील रहें और केंद्र प्रभारी भी व्यक्तिगत रूचि लेकर मरीजों को बेहतर सेवाएं मुहैया कराएं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण मौजूद रहे।