September 19, 2025
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विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रैली का किया आयोजन

 विश्व एड्स दिवस के अवसर पर रैली का किया आयोजन

एड्स से बचाव को लेकर डीडीयू अस्पताल में निकाली रैली, सतर्कता बरतने का दिया संदेश इंजेक्शन से नशा करने वाले अधिक एचआईवी पॉजिटिव है : सीएमओ जरा सी लापरवाही जीवन पर भारी पड़ सकती है : नोडल अधिकारी

अलीगढ़/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता जेड ए खान)- अलीगढ़ में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में गुरुवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एक गोष्ठी एवं रैली का आयोजन कर सभी को एड्स जैसी खतरनाक बीमारी के प्रति जागरुक किया। इस थीम का मुख्य उद्देश्य समानता से सम्मान तक है। कार्यक्रम का संचालन जिला पीपीएम समन्वयक डेविड कुमार शाही ने किया।


इस दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेन्द्र कुमार ने बताया कि एड्स के प्रति लोगों को जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सावधानी और बचाव ही एड्स से छुटकारा पाने का एक मात्र उपाय है। उन्होंने बताया कि एचआइवी किसी को भी हो सकता है। हमें पीड़ितों की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी ने कहा कि हर व्यक्ति को एड्स की जानकारी होनी चाहिए और अपने घर के सदस्यों के साथ भी एड्स से संबंधित जानकारी साझा करनी चाहिए। ऐसा करके इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि एक दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि समुदाय में इस रोग के प्रति जानकारी देना और जागरूक करना। ताकि समय रहते वह संज्ञान ले और दूसरे लोगों को भी इसकी जानकारी दें। ताकि एड्स जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकें। जैसा सभी जानते हैं कि एड्स के प्रति जो जानकारी है वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। जानकारी को ही मुख्यता बचाव कहा गया है।


सीएमओ ने बताया कि तत्पश्चात जन जागरूकता के माध्यम से रैली का आयोजन कर एड्स से बचाव को लेकर डीडीयू अस्पताल में रैली निकाली गई। साथ ही सतर्कता बरतने का संदेश भी दिया गया। उन्होंने बताया कि विद्यालयों के माध्यम से गोष्टीया भी की जा रही हैं। छात्र-छात्राओं के बीच इस तरह के संदेश भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां एड्स के रोगी पाए गए हैं उन क्षेत्रों में भी शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। एड्स के नोडल अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने कहा कि एचआइवी संक्रमित होने पर शारीरिक क्षमता क्षीण होती जाती है। इसके लक्षण नजर आते ही इलाज शुरू करा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि एड्स के बचाव के लिए अगर 80 प्रतिशत जागरूकता एवं बाकी इलाज द्वारा 20 प्रतिशत इस बीमारी को खत्म भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इंजेक्शन एवं असुरक्षित यौन सम्बन्ध से एड्स होने की संभावना अधिकतर रहती है। जिले में 2470 एचआईवी पाज़िटिव मरीजों का चल रहा है इलाज

जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया ने बताया कि जिले में 2470 एचआइवी पाज़िटिव का इलाज चल रहा है। इसमें से गत वर्ष लोग पाज़िटिव पाए गए हैं। इन सभी एचआइवी पाज़िटिव मरीजों का इलाज दवा व उपचार करके मरीजों को ठीक किया जा सकता है।


टीबी पर्यवेक्षक सलीम अहमद ने कहा कि जिले में शिविर लगाकर एड्स से ग्रसित मरीजों को उन्हें ढूंढकर अच्छे से इलाज किया जा सकता है। साथ ही जो लोग एचआईवी पाज़िटिव है उनको इलाज कराने के लिए भी सक्षम किया जा सकता है।डीडीयू अस्पताल की काउंसलर जावित्री देवी ने बताया कि अगर गर्भवती मां है तो वह बच्चा होने से पहले एचआईवी टेस्ट करा सकती है।अहाना एनजीओ के फील्ड आफिसर जावेद खान बताते हैं कि गर्भवती महिलाओं के प्रसव के दौरान निगरानी अहाना के जरिए की जाती है। साथ ही प्रसव के बाद गर्भवती की प्रति माह काउंसलिंग व एचआईवी जांच भी की जाती है। कार्यक्रम में जिला पीपीएम समन्वयक डेविड कुमार शाही व पीयूष अग्रवाल, टीबी एचआईवी कोऑर्डिनेटर अरविंद कुमार, टीबी विभाग के अन्य समस्त कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्थाएं आदि स्टाफ मौजूद था।

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