खबर का हुआ बड़ा असर, सरकारी जमीन पर सत्ता की हनक से कब्ज़ा कर हो रहे निर्माण पर चला सीएम योगी का बुलडोजर, कथित बीजेपी नेता का था कब्ज़ा

महोबा/उत्तर प्रदेश:(संवाददाता इसराईल कुरैशी)–महोबा में खबर का बड़ा असर हुआ है। सरकारी जमीन पर कथित बीजेपी नेता द्वारा कब्जा कर दुकानों के निर्माण में आखिरकार आज सीएम योगी का बुलडोजर गरजा है। एसडीएम के निर्देश पर अवैध कब्जे को तहसीलदार ने बुल्डोजर से हटवाया है। प्रशासन की इस कार्यवाही से सत्ता की हनक पर कब्जा करने वाले भू माफिया में हड़कंप मच गया। वहीं प्रशासन ने सख्त हिदायत देते हुए दोबारा कब्जा करने पर मुकदमा लिखने की बात कही है।
भू-माफियाओं पर सीएम योगी का बुलडोजर कार्यवाही कर रहा है। सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों को हटाने की कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। बीते दिनों महोबा शहर में एक कथित बीजेपी नेता और मील संचालक द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा कर दुकानों के निर्माण की खबर प्रसारित की थी जिस पर एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार ने मौके पर जांच टीम भेजकर जाना था कि चरखारी बाईपास रोड में दाल मील के पास जमीन सरकारी है और उस पर अवैध कब्जा हो रहा है। इस मामले में आखिरकार अब सीएम योगी का बुलडोजर गरजा है। प्रशासन पर सत्ता के लोगों पर कार्यवाही ना करने के आरोपों के बीच खुद एसडीएम सदर ने हुए अवैध कब्जे को हटाए जाने के निर्देश दिए है। जिसके बाद तहसीलदार बालकृष्ण सिंह बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंच गए और देखते ही देखते सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे को बुलडोजर से हटा दिया गया और एक संदेश देने की कोशिश की गई कि सरकारी जमीन पर कब्जा धारी कोई भी होगा उस पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। तहसीलदार बालकृष्ण द्वारा अवैध कब्जे को हटाया गया है। जिसके बाद से सत्ता की हनक पर कब्जा करने वाले कथित बीजेपी नेता के होश उड़ गए। यही नहीं गिराए गए कब्जे के मलबे को भी कब्जे में ले लिया गया और सख्त लहजे में हिदायत दी गई यदि भविष्य में उक्त स्थान पर फिर से कब्जा किया गया तो मुकदमा दर्ज कर आगे कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन के इस सख्त तेवर के बाद से भू-माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं एसडीएम ने साफ कर दिया कि भूमाफिया कब्जा धारी कोई भी हो किसी भी दल का हो उस पर कार्यवाही होगी और सीएम योगी का बुलडोजर चलेगा। तहसीलदार बालकृष्ण बताते हैं कि उप जिलाधिकारी द्वारा चरखारी बाईपास दाल मील के नजदीक सरकारी जमीन पर कब्जे की शिकायतें मिलने पर टीम गठित कर जाँच की गई थी, जिसमें पाया गया कि उक्त जमीन सरकारी ही है इसके बाद निर्माण कार्य को रुकवा दिया गया था और आज निर्माण कार्य को हटाए जाने की कार्यवाही की गई है। कब्जा करने वाला एक मील संचालक है जिसे सख्त हिदायत दी गई है। जब उनसे पूछा गया कि भूमाफिया कब्जाधारी पर क्या कोई मुकदमा भी दर्ज होगा तो वह गोलमोल जवाब देते नजर आए तो कहीं ना कहीं अभी भी प्रशासन सत्ता से जुड़े कब्जाधारी भूमाफिया के खिलाफ मुकदमा लिखने से बच रहा है जिसे विपक्ष के लोग सत्ता का दखल बता रहे है।