आदमी इंसान बनने के लिये करे अक्ल का इस्तेमाल: मौलाना कल्बे रुशैद

सुलतानपुर/उत्तर प्रदेश:(ब्यूरो रिपोर्ट)– मौजा सैदपुर में रविवार को सालाना मजलिस के 26वें दौर का आयोजन किया गया। अंजुमन इत्तेहादुल बैनुल मुस्लेमीन के बैनर तले आयोजित हुए इस कार्यक्रम में दिल्ली से आए मौलाना सै. कल्बे रुशैद ने मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि आदमी अक्ल का इस्तेमाल करे तो इंसान है वरना आदमी ही रहेगा, इंसान नहीं।
मौलाना ने आगे कहा कि एक नजरिया कायम हो गया है कि मोहम्मद हम जैसे इंसान हैं। हालांकि ये नजरिया ही गलत है। वो इसलिए कि इंसान अक्ल से चलता है और इलाही नुमाइंदा वही से चलता है। उन्होंने कहा कि अल्लाह ने मोहम्मद को अपने नूर से खल्क किया है। इंसान को खाक से पैदा किया है। पैगम्बर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन नूर से पैदा हुए थे, वो वहीए इलाही पर चलते थे। यही वजह है अक्ल से चलने वाले मरने के बाद खामोश हो जाते हैं, वही से चलने वाले हुसैन शहादत के बाद नोके नेजा से कुरआन सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि कर्बला में हुसैन नहीं दफ्न हैं अल्लाह का नूर दफ्न है जो दुनिया को रौशनी दे रहा है।
यहां पहली मजलिस को मौलाना सै हबीब हैदर साहब ने खिताब किया। मजलिस का संचालन अनीस जायसी ने किया। कार्यक्रम में अजादार हुसैन, मुजाहिद अकबर, जमीर सैदपुरी, बब्लू रिजवी, सज्जाद हसन, सलमान रज़ा,ज़िशान रज़ा, अब्बास हसन आदि मौजूद रहे। इसकी जानकारी अजहर अब्बास ने दी है।