विज्ञान प्रदर्शिनी में दिया तकनीकी दक्षता का परिचय

झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)–विज्ञान के क्षेत्र में एशिया के प्रथम नोवेल पुरस्कार विजेता एवं प्रकाश का क्वांटम नेचर इफेक्ट जिसे रमन इफेक्ट के रूप में भी जाना जाता है के खोज करता चन्द्रशेखर वेंकट रमन को समर्पित राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के अन्तर्गत गुरूवार को मॉडर्न पब्लिक स्कूल के प्रांगण में भव्य विज्ञान प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया जिसमें सैकडों विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञानिक क्षमता का प्रदर्शन करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय- विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो0 आर0 के0 सैनी एंव मॉडर्न ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स के संस्थापक कैप्टन अरविंद विश्वनाथन एवं संस्थापिका श्रीमती शान्ति विश्वनाथन की अध्यक्षता में प्रदर्शिनी का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ शुरू हुआ। प्रदर्शिनी में बच्चों ने फिजिक्स,केमिस्ट्री एवं बायोलाजी के अलावा कम्प्यूटर साइंस, स्पेस साइंस, आर्टीफिशिएल इन्टेलीजेन्स आदि महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी प्रदर्शिनी लगाई। बच्चों द्धारा बनाये गए मॉडल में प्रदर्शिनी के मुख्य विषय उर्जा संरक्षण, कृषि एवं खाद्य संरक्षण, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण एवं आपदा प्रबन्धन आदि रहे। प्रदर्शिनी में एक से बढकर एक विज्ञान मॉडल प्रदर्शित करके विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञाानिक प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया।
प्रो0 सैनी ने बाल वैज्ञानिकों का मनोबल बढाते हुए कहा कि यह विज्ञान प्रदर्शिनी विज्ञान को व्यावहारिक जीवन से जोडने की दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम हैं
ग्रुप के चेयरमेन डॉ0 रोहिन विश्वनाथन एवं मॉडर्न स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती अंशिता विश्वनाथन ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि यह विज्ञान प्रदर्शिनी विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरूचियों को जगाने एवं उसके व्यावहारिक प्रयोग के द्धारा शोधपरख अध्ययन की आदत विकसित करने में अत्यंत सहयोगी सिद्ध होगा। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को जीवन के परिपेक्ष में विज्ञान के सकारात्मक प्रयोग को बढाने में भी सहयोगी होगा।
मॉडर्न ग्रुप के प्रबन्ध निर्देशक अपूर्व शुक्ला एवं मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्या रत्ना शुक्ला ने कहा कि सभी बच्चों के प्रयास, परिश्रम व नवाचारों के साथ विभिन्न गतिविधियों से बच्चों में सीखने की लालसा और रचनात्मक कार्यो में विद्यार्थियों ने अपनी छुपी हुई वैज्ञानिक क्षमता का प्रदर्शन कर एवं लाइव मॉडल बनाकर सभी को मन्त्रमुग्ध कर दिया।
पूरी प्रदर्शिनी में स्कूल प्रशासक श अतिशय मिश्रा, पूनम निगम के साथ शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।