मच्छरों के प्रकोप से ग्रामीण परेशान नही हुई फागिंग

सीतापुर/उत्तर प्रदेश:(नूरुद्दीन)-विकासखंड पहला क्षेत्र की ग्राम सभाओं में फागिंग ना होने से और मच्छर मारने की दवा का छिड़काव ना होने से ग्रामीण परेशान हैं ।मच्छरों का प्रकोप बढ गया है अस्पतालों में मरीजों का ताता लगा है इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छर के प्रकोप से बुखार के मरीज ज्यादा दिखाई दे रहे हैं ।
ज्यादातर घरों में मच्छर जनित बुखार से पीड़ित मरीज दिखाई दे रहे हैं फागिंग ना होने से और मच्छर की दवा का छिड़काव ना होने से शाम होते ही लोग मच्छर से परेशान नजर आने लगते हैं रात को कौन कहे दिन में भी मच्छर आम आदमियों को बैठने नहीं देते इसका सबसे बड़ा कारण दवा का छिड़काव ना किया जाना और गंदगी है ।
ग्रामीण क्षेत्रों में नालियां बज बजा रही है ग्रामीण क्षेत्र को ही क्या कहे कस्बों में भी नालियां गंदगी से पटी पड़ी हैं ।किसी भी अधिकारी कर्मचारी का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है जबकि प्रबुद्ध जन लगातार नालियों की साफ-सफाई और दवा की छिड़काव का मांग शासन प्रशासन से कर रहे हैं मच्छर काटने से होने वाली प्रमुख बीमारियों में मलेरिया ,चिकनगुनिया, जीका वायरस, येलो फीवर, जापानी एन्सेफलाइटिस, जैसी खतरनाक बीमारियां होती हैं ।
ग्रामीणों का कहना है मच्छर मार अगरबत्ती और मच्छरदानी भी मच्छरों से निजात नहीं दिला पा रही है बुखार जुखाम खांसी जैसी बीमारी इन दिनों आम तौर पर दिखाई दे रही है फिलहाल क्षेत्र के प्रबुद्ध जनों ने पूरे विकासखंड में दवा के छिड़काव और फागिंग की मांग की है। जिससे मच्छरों से निजात मिल सके और संक्रामक बीमारियों से बचा जा सके।
जहां शासन की मंशा स्वच्छ भारत की है वही अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पूरे विकास खंड की सभी ग्राम सभाओं की नालियां गंदगी से ं पटी पड़ी हैं और इन्हीं गंदी नालियों मे मच्छर पनपते हैं जो आम जनमानस का जीना हराम किए हुए हैं और गंभीर बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं।
इन दिनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित निजी दवाखाना पर मरीजों का ताता लगा हुआ है जिसमें ज्यादातर मरीज जुखाम,खांसी, बुखार, डेंगू चिकनगुनिया एवं त्वचा रोग संबंधी बीमारियों से परेशान हैं और जिसका मूल कारण मच्छर और गंदगी है। और कई लोग इन बीमारियों से जान गवां बैठे है।