खीरी में अमर उजाला पत्रकार के घर हुई चोरी, पुलिस नींद में

खीरी टाउन/उत्तर प्रदेश:(चांद मियां)– कस्बे में इन दिनों चोरी का ग्राफ फिर से तेजी से बढ़ने लगा है। पुलिस की निष्क्रियता के चलते चोरों के हौसले चरम पर देखे जा सकते हैं ।बीती रात कस्बा खीरी निवासी अमर उजाला के पत्रकार हैदर हुसैन के घर चोरों ने धावा बोल दिया और घर में रखे महंगे महंगे मोबाइल पार कर दिए। पीड़ित के अनुसार तीनों मोबाइलों की कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है। ज्ञात हो पिछले सप्ताह भी इन्हीं के घर चोरों ने हाथ साफ किया था।
कस्बा खीरी चौकी पुलिस की खाऊ कमाऊ की कार्यप्रणाली के चलते कस्बे में न सिर्फ जुआरी और स्टोरी सक्रिय हैं बल्कि चोरों के भी हौसले बुलंद हैं ।कस्बा खीरी की चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी का जेबें भरने के अलावा सुरक्षा व्यवस्था की तरफ कोई ध्यान नहीं हैं , नतीजा जनता में न सिर्फ मुश्किलें बढ़ रही हैं बल्कि पुलिस चौकीके प्रति चिंता भी बनी हुई है पीड़ितों को डराना धमकाना और अपराधियों के साथ सांठगांठ करना खीरी पुलिस चौकी का पेशा बन चुका है माना जा रहा है खीरी पुलिस चौकी के संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। अमर उजाला के पत्रकार के घर में चोरी करने में चोरों की हेकड़ी का आलम जगजाहिर हो रहा है और पुलिस की कार्यशैली भी साफ जाहिर होती है ।लोगों के वहां चोरी होना आम बात सी हो गई है लेकिन स्थानीय पुलिस के कान पर जूं नहीं रेंगती लोगों का मानना है कि अपराधी प्रवृत्तियों के लोगों को पुलिस संरक्षण देती है खीरी कस्बे में गस्त का लेबल 0 लेबल पर है अपराधियों में पुलिस का। खौफ गायब हो चुका है पुलिस दिन रात पैसे वसूलने में व्यस्त रहती है। वर्तमान समय में पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस स्टाफ की नाकारा कार्यशैली के चलते खीरी चौकी क्षेत्र में असुरक्षा एवं अशांति का ग्राफ तेजी से बढ़ने की कगार पर है हर रोज किसी न किसी पीड़ित को धमकाते हुए चौकी पर देखा जा सकता है और अपराधी प्रवृति के लोग चौकी पर बैठकर गुलछर्रे उड़ाते हैं खीरी के कुछ मोहल्लों में तो लोग पुलिसिंग व्यवस्था से विश्वास हटाकर स्वयं ही रात में पहरेदारी करते हुए नजर आते हैं शायद वह समझ चुके हैं कि पुलिस कि यह कार्यशैली आम जनमानस की सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था कायम करने के लिए नहीं है बल्कि अपराधियों को बढ़ाना बढ़ावा दिए जाने की है।
बहरहाल खीरी पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों की कार्यशैली से खीरी कस्बे में आक्रोश देखा जा सकता है जो कि बेहद चिंता का विषय।