जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों संग गांधी जयंती मनाई

लोकतांत्रिक, मज़बूत अथर्व्यवस्था, मानव संसाधन, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, राष्ट्रीय एकता-अखंडता का पूरा श्रेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जाता है:– जिलाधिकारी
मैनपुरी/उत्तर प्रदेश:- जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने गांधी जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के शोभनीय चित्र पर पुष्प अपिर्त कर कायर्क्रम में उपस्थित अधिकारियों, कमर्चारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा देश आज विश्व का सबसे मजबूत लोकतांत्रिक देश के रूप में खड़ा है। अथर्व्यवस्था के क्षेत्र में विश्व में देश का पांचवा स्थान है। मानव संसाधन, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, राष्ट्रीय एकता-अखंडता के रूप में विश्व का सबसे मजबूत देश होने का गौरव प्राप्त है। इसका पूरा श्रेय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जाता है। जिन्होंने धनवान परिवार में जन्म लेने के उपरांत विदेश से बैरिस्टर की डिग्री पाने के बाद भी देश के लोगों को एकजुट करने, अंग्रेजों के साम्राज्य को उखाड़ फेंकने के लिए सभी सुख, संसाधन त्याग कर पूरा जीवन गरीब व्यक्ति की भांति जीवन-यापन किया। सत्य-अहिंसा का मार्ग निधार्रित कर ऐसा वातावरण सृजित किया, जिससे देश का प्रत्येक व्यक्ति आजादी के आंदोलन में शामिल हो। उन्होंने कहा कि चार दशक की कड़ी मेहनत के बाद सन 1947 में इसका परिणाम हमारे सामने आया। अंग्रेजों का मजबूत साम्राज्य स्वतः देश को छोड़ने पर मजबूर हो गया और हमें बिना खून-खराबे के आजादी मिली।
श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सामने जहां एक ओर अंग्रेजों की दासता से देश को आजाद कराने की चुनौती थी। वहीं दूसरी ओर समाज में फैली छुआ-छूत, कुरीतियों, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों से निजात दिलाने की भी बड़ी चुनौती थी। लेकिन उन्होंने पूरे धैर्य के साथ एक ओर देश को आजाद कराने के लिए मुहिम छेड़ी वहीं दूसरी ओर समाज में फैली कुरीतियों को दूर कर भेद-भाव को मिटाकर सभी को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में गांधी जी के विचारों का सम्मान होता है। लोग उनको आदर्श के रूप में मानते हैं यही वजह है कि विश्व के 128 देशों में गांधीवाद पढ़ा जाता है। दुनिया के विकसित देशों के साथ-साथ तमाम देशों के मुख्य चैराहों पर गांधी जी की प्रतिमा स्थापित है। यह हम सब भारतवासियों के लिए गौरव की बात है। उन्होने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का देश के निमार्ण, विकास में महत्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। पूर्व प्रधानमंत्री ने जहां एक ओर सैन्य शक्ति को बढ़ाने के लिए कार्य किया वहीं खाद्यान्न के क्षेत्र में देश को आत्मनिभर्र बनाने के लिए किसानों को सुविधाएं प्रदान कर उनकी आथिर्क स्थिति को मजबूत करने का कार्य किया। आज हमारा देश सैन्य ताकत के साथ-साथ खाद्यान्न के क्षेत्र में पूरी तहर आत्मनिभर्र है।
अपर जिलाधिकारी राम जी मिश्र ने कायर्क्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश को लंबे समय तक गुलामी की दासतां से निजात दिलाने के लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बहुत कष्ट झेले, सत्य-अहिंसा के मार्ग पर चल लंबा संघर्ष कर देश को आजाद कराया। उन्होने कहा कि सभी लोग सादा जीवन उच्च विचार के सिद्धांत को सीखे, स्वयं की समीक्षा करने की प्रेरणा लें। इन दोनों महापुरुषों से सीख कर अपने जीवन को खुशहाल बनाएं, ऐसे कार्य करें जिससे आम आदमी का भला हो। उन्होने कहा कि दोनों महान विभूतियों ने सत्य-अहिंसा, सादगी के मार्ग पर चलकर एक ने देश को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्ति दिलाई वहीं दूसरे ने देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिभर्र बनाया। उन्होने कहा कि गांधी जी ने गरीब तबके के लोगों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष किया। सादा जीवन-उच्च विचार का अनुसरण कर समाज को दिशा दी। लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा देकर देश को खाद्यान्न के संकट से मुक्ति दिलाई।
गोष्ठी में उप निदेशक अभियोजन डी.के. मिश्रा, डिप्टी कलेक्टर कुलदेव, वरिष्ठ कोषाधिकारी श्यामलाल जायसवाल, आपदा विशेषज्ञ अंकिता सक्सैना, सत्य प्रकाश द्विवेदी, लोकेन्द्र सिंह आदि ने भी गांधीजी, लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर नरेन्द्र कुमार, जिला अभिहीत अधिकारी टी.आर. रावत, प्रशासनिक अधिकारी हरेन्द्र कुमार, राम नरेश, सुमन शुक्ला, ई-डिस्ट्रिक मैनेजर सौरभ पाण्डेय, रोहित दुबे, वीरेश पाठक, राकेश बाबू, सत्येन्द्र कुमार, अवनीश दुबे, कालीचरन, अनुज कुमार आदि उपस्थित रहे, कायर्क्रम का संचालन वेद प्रकाश श्रीवास्तव ने किया।