सभी जरूरी संसाधनों से लैस है मानपुर ओझा का आंगनवाड़ी केंद्

रामपुर/उत्तर प्रदेश:(आफाक अहमद खान)–आंगनवाड़ी केंद्र गर्भवती महिला, किशोरी, धात्री महिला एवं 3 से 6 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल सही पोषण और सही मार्गदर्शन में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
शासन स्तर से कुपोषण उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों की सीधी पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी संसाधनों की उपलब्धता भी बहुत जरूरी है। जनपद में जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायत एवं मनरेगा के तहत परिषदीय विद्यालयों में मिशन कायाकल्प के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प कराने के लिए भी तेजी से कार्य कराए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी श्री रविन्द्र कुमार माँदड़ और मुख्य विकास अधिकारी श्री नंदकिशोर कलाल के नेतृत्व में जनपद के प्रत्येक विकासखंड में पहले चरण में 5 आंगनबाड़ी केंद्रों को मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए कार्य योजना पर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं लेकिन जनपद में पहले से ही अनेक ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र मौजूद हैं जहां सभी जरूरी संसाधनों की उपलब्धता के साथ-साथ केंद्र के बेहतर संचालन की जिम्मेदारी भी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और सहायिकाएं बखूबी निभा रही हैं।
इन्हीं आंगनबाड़ी केंद्रों में से विकासखंड बिलासपुर के ग्राम मानपुर ओझा में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्र भी सभी जरूरी महत्वपूर्ण संसाधनों से सुसज्जित है। केंद्र संचालन और कार्यकत्रियों की सक्रियता की सराहना जनपद के अधिकारियों के साथ साथ शासन स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी की जा चुकी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेश कुमार ने बताया कि मानपुर ओझा में मौजूद आंगनबाड़ी केंद्र उन केंद्रों में से एक है जो विभागीय कार्यक्रमों और समय-समय पर प्रशासनिक स्तर से दिए गए दायित्वों के निर्वहन के लिए अन्य केंद्रों की भांति अग्रणी भूमिका निभाता है।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री श्रीमती सपना राय ने बताया कि केंद्र में विद्युत कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है जिससे पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था एवं पंखा आदि संसाधनों से बेहतर माहौल है। बच्चों के बैठने के लिए प्लास्टिक की कुर्सी और वजन मशीन सहित पोषण ट्रैक करने के लिए जरूरी अन्य तकनीकी संसाधन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं जिससे स्थानीय गर्भवती महिला, किशोरी, धात्री महिला और 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी निर्धारित मानकों के अनुरूप करने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को विभिन्न प्रकार की एक्टिविटी से जोड़ने के लिए मिट्टी के खिलौने तैयार कराए जाते हैं ताकि बच्चों में क्रिएटिविटी का भाव पैदा हो सके। शासन के निर्देश पर केंद्र परिसर में पोषण वाटिका भी मौजूद है किस में नींबू, लीची, शरीफा, सहजन, मिर्च आदि पोषक तत्वों से भरपूर पौधे लगाए गए है
आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने बताया कि केंद्र पर 7 माह से 3 वर्ष तक के 62 बच्चे, 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के 14 बच्चे, 9 गर्भवती महिलाएं और 15 धात्री महिलाएं पंजीकृत हैं।