June 25, 2025

स्कूल वाहन ठूंस-ठूंस कर ढो रहे बच्चे

 स्कूल वाहन ठूंस-ठूंस कर ढो रहे बच्चे

नियम दरकिनार, जोखिम में बच्चों की जान

झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)– महानगर में एक दिन पूर्व ही हुई स्कूली बच्चों से भरी टैक्सी और सफारी कार के आपसी दुर्घटना हुई जिसमे टैक्सी में सवार बच्चो कि गंभीर छोटे आयी थी. बच्चों के हादसे ने उनके परिवारों को ही नहीं बल्कि शहर के आम नागरिक को भी झकझोर दिया है। इसके घटना के बाद भी प्रसाशन नहीं चेत रहा है

इस घटना से एक बार फिर घोर लापरवाही को उजागर कर दिया। जीवन संवारने के लिए लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं लेकिन अधिकतर स्कूल प्रबंधन पैसा बचाने के फेर में नौनिहालों की जिंदगी दांव पर लगा रहें है। स्कूल से घर और घर से विद्यालय के लिए परिवहन के दौरान बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्कूल प्रबंधन की अव्यवस्था और प्रशासन की निष्क्रियता मासूम नौनिहालों पर भारी पड़ रही है।
स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के तहत जारी गाइडलाइन को भी दरकिनार किया जा रहा है। इसकी पालना करवाने वाले भी मौन हैं।

महानगर के अधिकांश विद्यालयों के बाहर स्कूल वाहनों की कतार आम है। यह कितने फिट हैं इसका कोई लेखा जोखा नहीं है। आधे से ज्यादा स्कूल वाहन जुगाड़ पर निर्भर हैं। किसी को घरेलू सिलिंडर से चलाया जा रहा तो किसी में बच्चों को ठूंसकर बैठाया जाता है। किसी भी स्कूल वैन में बच्चे सुरक्षा बेल्ट लगाए नहीं मिलते हैं। इनकी तरफ न तो स्कूल प्रबंधन ध्यान दे रहा और न परिवहन विभाग।

जिन वाहनों में बच्चों को स्कूल से घर और घर से स्कूल लाया और ले जाया जा रहा है उन वाहनों की फिटनेस ,मानक अनुसार गति नियंत्रक यंत्र स्कूल बैग रखे जाने के लिए अलग से व्यवस्था ,बस में डबल दरवाजा तथा आपात खिडक़ी ,फस्र्टएड बॉक्स, चालक वाहन की वर्दी, वाहन में जीपीएस सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे,वाहन के अंदर अग्निशामक यंत्र के अलावा चालक परिचालक के वर्दी में होने और बिना नशे के वाहन चालने की व्यवस्थाओं को चेक करने और खामियां पाए जाने पर अंकुशात्मक कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभागों के अफसरों को फुर्सत ही नहीं। फिर आखिरकार नौनिहालों को मौत के मुहाने पर रोज रखे जाने से कौन बचाएगा। इन पर कर्रवाई के लिए यातायात पुलिस, परिवहन विभाग तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी आगे आ सकते हैं। क्या वजह है कि स्कूली वाहनों का आकस्मिक निरीक्षण नहीं किया जा रहा। बच्चों की जान से क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है।

क्या वजह है कि स्कूली वाहनों का आकस्मिक निरीक्षण नहीं किया जा रहा यह भी जांच का विषय है। बहरहाल देखना ये है कि प्रशासन एक दिन पूर्व इस हादसे के बाद कार्रवाई करेगा या मामूली घटना समझते हुए मामले को रफा दफा करेगा.

Bureau