दुर्गा उत्सव के दौरान मंच पर अश्लील नृत्य का प्रदर्शन न करने की अपील

झांसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)– ग्वालियर रोड स्थित श्री सिद्धेश्वर मंदिर में महानगर धर्माचार्य आचार्य पंडित हरिओम पाठक, जिला धर्माचार्य महत्व विष्णु दत्त स्वामी तथा युवा ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष रवीश त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्र का विधान शक्ति उपासना द्वारा परिवार में सुख, समृद्धि, आरोग्य एवं सुयोग्य संतान की प्राप्ति के लिए किया गया है। शारदीय नवरात्रि में ही मां दुर्गा जी ने राक्षसों के वध हेतु 9 दिनों में नौ रूप धारण किए और दैत्यों का संहार किया। उन्होंने बताया कि 26 सितंबर को प्रातः सूर्योदय से सूर्यास्त तक शुभ मुहूर्त प्रतिपदा, श्री गणेश पूजन, कलश स्थापना, दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना, प्रतिपदा को अमृत चौघड़िया में प्रातः 6:00 बजे से 7:30 बजे तक, 9:00 बजे से 10:30 बजे तक एवं शाम 3:00 से 6:00 बजे तक शुभ है। इसमें विशेष तंत्र मंत्र सिद्धि का अनुष्ठान का शुभ मुहूर्त है। 27 सितंबर को द्वितीय, 28 सितंबर को तृतीय, 29 सितंबर को चतुर्थी, 30 सितंबर को पंचमी, 1 अक्टूबर को षष्ठी, 2 अक्टूबर को सप्तमी एवं महानिशा पूजा, 3 अक्टूबर को महा अष्टमी तथा 4 अक्टूबर को दुर्गा नवमी को जवारों का विसर्जन शुभ है। विजयादशमी दशहरा, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन तथा रावण दहन 5 अक्टूबर को होगा। युवा ब्राह्मण महासंघ के अध्यक्ष रविश त्रिपाठी ने बताया कि 5 अक्टूबर को विजयादशमी पर्व एवं दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन दोपहर से लेकर देर रात तक चलेगा।
इसी दिन शस्त्र पूजन भी होगा। उन्होंने सभी दुर्गा उत्सव समितियों से अपील की कि दुर्गा मंचों पर अश्लील नृत्य एवं फूहड़ गीतों का प्रदर्शन बिल्कुल न करें। दुर्गा पंडालों में विद्युत का प्रयोग कम से कम करें। दुर्गा उत्सव के दौरान प्रातः एवं रात्रि कालीन विद्युत कटौती न की जाए एवं आरती के समय दुर्गा मंचों के आसपास पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था की जाए।
इस अवसर पर पंडित मनोज पाठक, पंडित मनोज चतुर्वेदी, पंडित राजीव शास्त्री, पंडित अखिलेश पांडे, पंडित राजेंद्र तिवारी, बृजेश तिवारी, अनूप मिश्रा, प्रकाश विदुआ, हरि शंकर चतुर्वेदी आदि उपस्थित रहे।