खनिज निगम की मिलीं भगत के चलते नौनिहालों का भविष्य ख़तरे में

झाॅसी/उत्तर प्रदेश:(सुल्तान आब्दी)– जिले के तहसील मोठ के ग्राम पचोवई में स्टोन क्रेशर तथा ग्राम वासियों के बीच हुए झगड़े के मामले में देश के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, ग्रामीणों को डर है कि उनके बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते हैं, कहीं उनके साथ क्रेशर से धमाके के साथ स्कूल के आसपास गिरने वाले पत्थरों से कोई हादसा ना हो जाए, यह हादसा उनके परिवार का चिराग ना बुझा दे, जिसकी बजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने एक बड़ा फैसला लिया है, जान है तो जहान है, मुहावरा तो आपने सुना ही होगा, उसी की तरह ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि जब तक यह क्रेशर बंद नहीं होता, तब तक वह अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, बिना पढ़े ही सही मगर उनके बच्चे सही सलामत तो है, अब ऐसे में पास में ही चल रही स्टोन क्रेशर पर सवालिया निशान खड़े हो जाते हैं कि आखिर नियमों को ताक पर रखकर इस स्टोन क्रेशर को गांव के किनारे चलाने की आखिर किसने परमिशन दे दी।
स्थानीय ग्राम वासियों के मुताबिक उन्होंने स्टोन क्रेशर से विस्फोट के बाद स्कूल एवं आसपास गिर रहे पत्थरों के कारण बड़ा फैसला लिया है, जिसमें ग्राम वासियों ने सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने को लेकर बहिष्कार कर दिया है, ग्राम वासियों का कहना है स्टोन क्रेशर स्कूल के बगल में संचालित है, जिसके चलते ब्लास्टिंग के दौरान बड़े-बड़े पत्थर आकर विद्यालय प्रांगण में गिरते हैं, अगर उनके बच्चों को कुछ हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा,
प्रधानाध्यापक हैमलता ने बताया कि बच्चो को अभिभावक तबतक स्कूल भेजने से मना कर रहे हैं, जब तक कि स्टोन क्रेशर संचालक पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उसे बंद ना किया जाए, तबतक अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर रहे हैं, प्रधानाध्यापक ने बताया कि 6 सितंबर से बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं, बच्चों की स्कूल में 103 संख्या है, लेकिन 6 सितंबर से बच्चों ने स्कूल में पग तक नहीं रखा, जिससे उनकी शिक्षा का स्तर कमजोर हो रहा है और उनकी शिक्षा पिछड़ रही है।
बताया जा रहा है कि 4 सितंबर को ग्रामीण तथा स्टोन क्रेशर संचालक के बीच विवाद हुआ था, जिसमें स्टोन संचालक क्रेशर कर्मचारियों द्वारा प्रार्थना पत्र देते हुए थाना समथर में अवगत कराया था कि ग्राम वासियों ने आकर उनकी क्रेशर पर मारपीट एवं तोड़फोड़ की है, जिसमें उनके कुछ कर्मचारी घायल हुए थे, थाना समथर में 2 दर्जन से अधिक ग्राम वासियों पर मुकदमा दर्ज हुआ था, ग्राम वासियों और क्रेशर संचालक के तनाव की स्थिति बढ़ती जा रही है, फिलहाल इस मामले के बाद एक के बाद एक नए मोड़ सामने आ रहे हैं लेकिन इस पूरे मामले पर प्रशासन पूर्ण रूप से चुप्पी साधे हुए हैं भले ही शिकायतों के बाद औलाद का रिमोट पर पहुंचकर पड़ताल का हवाला देकर इस मामले को धीरे-धीरे ठंडा कर रहे हो लेकिन ग्रामीणों में इस मामले के बाद यह चिंगारी धीरे-धीरे आग बन रही है।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि उन्होंने इससे पहले भी इसका लिखित शिकायत ही पत्र मोठ उप जिलाधिकारी को महीनों पहले देकर इस स्टोन क्रेशर की जांच के बाद कार्रवाई कि मांग की थी, लेकिन उच्चाधिकारियों ने उनके मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, जिसकी वजह से स्टोन क्रेशर के संचालक के हौसले बुलंद होते चले गए और उन्होंने हद तो तब कर दी जब उक्त पहाड़ी पर निर्धारित बिलास्ट से कई गुना अधिक बड़ा ब्लास्ट किया जिसकी वजह से पत्थर उनके गांव तक एव स्कूल तक पहुंचे हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।