गाज़ीपुर में साठ फीट का रावण होगा इस बार की भव्य रामलीला का मुख्य आकर्षण

गाज़ीपुर की अति प्राचीन रामलीला का 21 सितंबर दिन एकादशी से होगा शुभारंभ।
गाज़ीपुर की रामलीला का है चार सौ वर्षों से अधिक का पुराना इतिहास। 5 अक्टूबर को है दशहरा।
19 दिन की होगी इस बार की ऐतिहासिक एवं चलायमान रामलीला। कमेटी ने की पत्रकार वार्ता।
गाज़ीपुर/उत्तर प्रदेश:(एकरार खान)– अति प्राचीन रामलीला कमेटी (हरिशंकरी) गाज़ीपुर के तत्वाधान में शहर के कई स्थानों पर पारंपरिक रूप से गोस्वामी तुलसी दास रचित रामायण के आधार पर चलायमान रामलीला मंचन का पौराणिक व ऐतिहासिक कार्यक्रम सांस्कृतिक एवम सामाजिक समारोह के रूप एकादशी दिनांक 21 सितंबर से प्रारंभ होगा, ये बातें कमेटी के पदाधिकारियों ने प्रेस वार्ता कर बताई, लंका सभागार में पूर्व की तरह ही कमेटी के द्वारा रामलीला मंचन का तिथिवार विवरण देते हुए, मंत्री ओमप्रकाश ‘बच्चा तिवारी’ ने बताया कि गाज़ीपुर के रामलीला मंचन के इस कार्यक्रम का पिछले चार सौ वर्षों से अधिक का गौरवशाली इतिहास है, ये रामनगर, चित्रकूट के साथ की प्राचीन रामलीलाओं में से एक है, ये कभी रुकी नहीं है, अभी 2019 के बाद कोरोना महामारी में भी अपनी संस्कृति और जनता की भावनाओ को ध्यान में रखकर कोरोना प्रोटोकाल के अंतर्गत आवश्यकतानुसार लघु रूप से इस परंपरा का निर्वहन कमेटी द्वारा किया गया था, अब वर्तमान वर्ष में पुनः रामलीला मंचन का कार्यक्रम अपने भव्य रूप से दिनांक 21 सितंबर 2022, दिन- एकादशी, बुधवार सांयकाल 6 बजे से हरिशंकरी स्थित राम चबूतरे पर धनुष मुकुट पूजन एवम नारद मोह लीला से पूरे विधि विधान से प्रारंभ होकर अगले 19 दिनों तक शहर के विभिन्न चिन्हित स्थानों पर मेले के रूप में किया जाएगा, जबकि 5 अक्टूबर 2022 को लंका मैदान में सायं काल 8 बजे रावण वध / दहन का कार्यक्रम विशाल मेले के परंपरागत आयोजन के साथ मनाया जाएगा और ये ऐतिहासिक कार्यक्रम कमेटी के मुख्य संरक्षक जिलाधिकारी गाजीपुर एवं सह संरक्षक पुलिस अधीक्षक गाजीपुर के कर कमलों द्वारा गाज़ीपुर की प्रतिष्ठित जनता के समक्ष लंका मैदान में होगा। वहीं 15 अक्टूबर को श्री रामराज्याभिषेक का कार्यक्रम हरिशंकरी स्थित राम चबूतरे पर परंपरागत विधि के साथ होगा, इस अवसर पर नवरात्रि में सजे दुर्गा पण्डलो को पुरस्कार वितरण भी मुख्य अतिथियों द्वारा किया जाएगा।
कमेटी द्वारा सड़क, नाली पर बह रहे गंदे पानी, लटके बिजली तार व लंका मैदान में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की अपील भी प्रेस के माध्यम से सम्बंधित विभागों से की है क्योंकि रामलीला मंचन के दौरान सभी कुछ परंपराओं के अनुरूप किए जाने का प्रावधान है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ मेला स्थान पर होती है, आइये सुनते हैं कमेटी के पदाधिकारियों और मेहमान के रूप में सहभोज कार्यक्रम में पहुंचे स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने रामलीला आयोजन के संदर्भ में क्या कहा।